दिल्ली। साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’स्वयं प्रकाश न्यास’ ने सुप्रसिद्ध साहित्यकार स्वयं प्रकाश की स्मृति में दिए जाने वाले वार्षिक सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। न्यास द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में कहानी विधा की किसी ऐसी कृति को दिया जाएगा, जो सम्मान के वर्ष से अधिकतम छह वर्ष पूर्व प्रकाशित हुई हो।2025 के सम्मान के लिए 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2024 के मध्य प्रकाशित कहानी संग्रहों पर विचार किया जाएगा। कृतिकार की आयु सीमा 50 वर्ष रखी गई है।
सम्मान के लिए तीन निर्णायकों की एक समिति बनाई गई है जो प्राप्त प्रस्तावों पर विचार कर किसी एक कृति का चुनाव करेगी। सम्मान में ग्यारह हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट किये जाएंगे।
न्यास द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि मूलत: राजस्थान के अजमेर निवासी स्वयं प्रकाश हिंदी कथा साहित्य के क्षेत्र में मौलिक योगदान के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ढाई सौ के आसपास कहानियाँ लिखीं और उनके पांच उपन्यास भी प्रकाशित हुए थे। इनके अतिरिक्त नाटक, रेखाचित्र, संस्मरण, निबं
बनास जन के सम्पादक और युवा आलोचक डॉ पल्लव को स्वयं प्रकाश स्मृति सम्मान का संयोजक बनाया गया है, वे इस सम्मान से सम्बंधित समस्त कार्यवाही का संयोजन करेंगे। सम्मान के लिए प्रविष्टियाँ डॉ पल्लव को 15 अगस्त 2025 तक बनास जन के पते (393, डीडीए, ब्लॉक सी एंड डी, शालीमार बाग़, दिल्ली -110088) पर भिजवाई जा सकेगी। साहित्य और लोकतान्त्रिक विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए गठित स्वयं प्रकाश स्मृति न्यास में कवि राजेश जोशी (भोपाल), आलोचक दुर्गाप्रसाद अग्रवाल (जयपुर). कवि-आलोचक आशीष त्रिपाठी (बनारस), आलोचक पल्लव (दिल्ली), इंजी. अंकिता सावंत (मुंबई) और अपूर्वा माथुर (दिल्ली) सदस्य हैं।
डॉ पल्लव
सम्पादक, बनास जन, दिल्ली
8130072004
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